To Read 7 October Shiv Baba’s Mahavakya :- Click Here
Om Shanti
08.10.2018
★【 आज का पुरूषार्थ】★
शिवबाबा का starting से पढ़ाई का लक्ष्य ही एक रहा है कि आत्मा स्वयं को पहचान, स्वयं के स्वरूप में स्थित हो, स्वयं को परिवर्तन कर दे … अर्थात् स्वयं को ऊँच ते ऊँच light समझ, इस स्थूल तन, स्थूल मन, स्थूल बुद्धि, धन, सम्बन्ध, संपर्क, सबसे न्यारी हो जायें…।
एक न्यारी आत्मा ही संपूर्ण रीति स्वयं का परिवर्तन कर सकती है।
देखो, आपने अब तक केवल तमोप्रधान दुनिया की तमोप्रधान चीज़ों से स्वयं में वैराग्य ही लाया, अर्थात् इस तमोप्रधान दुनिया की तमोप्रधान चीज़ें – जैसे विकार, विकारी सम्बन्ध-संपर्क और खानपान…, परन्तु स्वयं को उन सब चीज़ों पर विजयी नहीं बना पाये…!
अर्थात् इस तमोप्रधान दुनिया के बीच रहते, यह तमोप्रधानता आप पर effect ही ना डालें, आप इन्हें अपने प्रेम भरे vibrations से स्वयं के मित्र बना, उन सबको भी परिवर्तन कर दो…।
ये powerful process आप इस जन्म में बाप (परमात्मा पिता) के सहयोग से ही कर पाते हो…।
देखो, शिव बाप आप बच्चों के हर पल साथ है और बाप को आपके एक-एक second की जानकारी है … और यह सब एक process का part भी है, क्योंकि आप स्वयं को ही परिवर्तन नहीं कर रहे हो, बल्कि सभी आत्माओं का भी और प्रकृति के पाँचो तत्वों का भी परिवर्तन हो रहा है अर्थात् सभी अपनी-अपनी reality में आ अपने-अपने स्थान पर set हो रहे हैं…।
यह process बहुत सूक्ष्म रीति अपना कार्य कर रहा है, जिसे आप समझ नहीं पाते, परन्तु बहुत जल्द ही final round की final घड़ियाँ खत्म होते ही आपके सामने सब स्पष्ट हो जाएगा…।
बस, आपके पास जो कुछ भी आ रहा है, वो बाप को समर्पण कर, बाप की पढ़ाई के according न्यारे और प्यारे बन यह process की अंतिम घड़ियाँ भी शांतिपूर्वक, खुशी-खुशी finish करो…।
अच्छा। ओम् शान्ति।
【 Peace Of Mind TV 】
Dish TV # 1087 | Tata Sky # 1065 | Airtel # 678 | Videocon # 497 |
Jio TV |