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Om Shanti
03.06.2018
★【 आज का पुरुषार्थ 】★
बाबा ने कहा…
बच्चे, तुम हो बिन्दी स्वरूप आत्मा, मास्टर सर्वशक्तिमान्…। जितने सूक्षम हो … उतने शक्तिशाली हो…।
बस अब अपनी शक्तियों को पहचानों।
आप अपने एक-एक स्वमान के महत्व को समझ उसके स्मृति स्वरूप बन जाओ…।
बच्चे, आपके संकल्पों में इतनी शक्ति है जो आप क्षण भर में दुनिया का परिवर्तन कर सकते हो…, बस अपने असली स्वरूप में स्थित रहो…।
देखो बच्चे, जब भी किसी भी आत्मा को कोई भी, किसी भी प्रकार का बंधन हो, तो वो कमज़ोर बन जाती है।
इसलिए, अब स्वयं को बंधन मुक्त अर्थात् इस पाँच तत्वों की दुनिया के बंधन से मुक्त करो।
अपने को original स्वरूप में स्थित करो। फिर आपकी शक्तियाँ powerful रूप से अपना कार्य शुरू करेगी…।
आप बच्चे अपने संकल्पों की power को समझों…।
आप महारथियों के संकल्पों से ही यह drama आगे बढ़ता है। जब भी समय मिले सर्व आत्माओं की powerful मन्सा सेवा करो…। उन्हें शुद्ध संकल्पों द्वारा सकाश दो और समय को नज़दीक लाओ और आत्माओं को अपने रूहानी घर (परमधाम) का रास्ता दिखाओ…।
आपको हर आत्मा से बहुत प्रेम से बात करनी है, चाहे कैसी भी आत्मा हो।
जब तुम बच्चे drama को भूल जाते हो तो यह भी भूल जाते हो कि हर second में तुम्हारा कल्याण समाया हुआ है…।
तब तुम खुद को दोषी समझते हो या दूसरे को … और अपनी seat से उतर जाते हो और हलचल में आ जाते हो…।
देखो, आपको गृहस्थ व्यवहार में सबको हल्का रखना है … साथ ही स्वयं को भी हल्का रखना अति आवश्यक है।
जो भी कार्य सामने आता है उसे सहज रीति करते जाओ…। उस कार्य को पहले बाप को समर्पण कर, असोचता बन, फिर उस कार्य को करो और फिर हल्के हो जाओ … अर्थात् सब कुछ बाप (परमात्मा पिता) को समर्पण कर अपने स्मृति स्वरूप बन, अपने विश्व परिवर्तन के कार्य में तत्पर हो जाओ…।
यही अभ्यास आप बच्चों को सम्पन्न बनाएगा…।
अच्छा। ओम् शान्ति।
【 Peace Of Mind TV 】
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