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27.09.2017
Peace Of Mind TV
आज का पुरुषार्थ…
ओम् शान्ति।
बच्चे, स्वयं के ऊँचे स्वमान के स्मृति स्वरूप बनो। आपको हर पल यह याद रहना चाहिए कि मैं कौन हूँ और किसका हूँ…? यही स्मृति आप बच्चों को विश्व के आगे प्रत्यक्ष करेंगी।
जब आप अपने परिवार के सम्बन्ध में आते हो तो आपका हँसना, बोलना, मज़ाक करना, गुणों से भरपूर बहुत नैचुरल और सहज होता है, परन्तु संगठन के बीच आपको स्वयं पर फुल अटेंशन रखना है। जिस तरह देवता बहुत राॅयल, हर्षितमुख, मधुर, सॉफ्ट, रहमदिल, क्षमाशील, कल्याणकारी, आदि…, गुणों से भरपूर रहते है, इसी तरह यह सभी गुण आप बच्चों में भी प्रत्यक्ष दिखने चाहिए। सभी को लगें कि यह हमसे अलग हैं…।
और यह सभी गुण आप बच्चों से तब प्रत्यक्ष होंगे, जब आप बच्चे स्वयं को ऊँच स्वमान में स्थित रखोंगे। ऊँच स्वमान में स्थित होना अर्थात् आपको अन्दर से अनुभव होना चाहिए कि मैं ही इतनी ऊँच अथाॅरिटी हूँ, जिसे पूरे विश्व का कल्याण करना है। इसलिए अब अपने ऊँच स्वमान को अनुभव करो।
देखो, बाप आपको कह रहा है कि आप ही तो हों…, पर आप भी तो स्वयं की शक्तियों को, गुणों को अनुभव करो…।
बस थोड़ा-सा अटेन्शन रखोंगे अर्थात् अपने गुणों और शक्तियों को अपनी दिनचर्या में यूज़ करोंगे तो सहज ही यह आपके गुण और शक्तियां आपके संस्कार बन जायेंगे।
देखो बच्चे, बाप तो आया ही है सबको सम्पन्न बनाने परन्तु जो स्वयं पर अटेन्शन रख स्वयं बनेंगे, वह तो थोड़े ही समय में प्रत्यक्ष होना शुरू हो जायेंगे और जिन्हें बाप बनायेंगा वह अन्त में होंगे। फिर देखो दोनों के आनन्द के समय में कितना अन्तर आ गया और पद में भी…।
इसलिए शिव बाप का स्नेह और सहयोग लो अर्थात् बाप से बुद्धियोग लगा स्वयं पर अटेन्शन रख, स्वयं ही स्वयं को सम्पन्न बनाओ तो प्राप्तियां अपरमअपार है, अन्यथा आप स्वयं ही समझदार हो…!
जो बच्चे जितने निश्चय के साथ बाप की हर श्रीमत का पालन कर पुरूषार्थ कर रहे हैं, उन आत्माओं से दूसरों को प्रत्यक्ष परिवर्तन अनुभव होगा।
बच्चे, यह ना हो कि सम्पन्न बनने की लिस्ट में आने की बजाए, आप देखने वाले बन जाओ…!
इसलिए अभी भी थोड़ा-सा समय है, तो अपना कुछ भाग्य तो बना लो…।
अच्छा । ओम् शान्ति ।
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Om Shanti Baba,
thank you
I am highly obliged @ Bk murli…. My life style improved systematically…..